January 21, 2025

कांग्रेस की तेजतर्रार नेत्री ने दिया इस्तीफा, कमलनाथ के नाम भेजी पाती में सिंधिया वाला डायलॉग दोहराया

अक्सर सुर्खियों में रहने वाली नूरी खान आखिर क्यों हुई नाराज, कांग्रेस को एक और नया झटका

उज्जैन। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य एवं अल्पसंख्यक बोर्ड मेंबर रह चुकी कांग्रेस के तेजतर्रार नेत्री नूरी खान ने अपने सभी पदों से इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भेज दिया है। प्रदेश कांग्रेस में अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं की अनदेखी व लगातार उन्हें हाशिए पर डाले जाने का आरोप लगाते हुए नूरी खान ने अपना त्याग पत्र भेजा है। इसमें आग्रह किया है कि बगैर मान मनवल और औपचारिकता के इसे सीधा ही स्वीकार कर लिया जाए। त्यागपत्र के अंत में नूरी ने भी वही डायलॉग दोहराया है जो कांग्रेस छोड़ने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया मंचों से बोलते बोला करते थे। “उसूलों पर जब आंच आए तो टकराना जरूरी है अगर जिंदा है तो जिंदा नजर आना जरूरी है”

कांग्रेस नेत्री नूरी खान।

इन्हीं शब्दों के साथ नूरी खान ने अपना दुख व्यक्त किया और कहा कि केवल वर्ग विशेष की होने के कारण उनकी पार्टी में लगातार उपेक्षा हो रही है। बता देंगे नूरी के पति रुकबुद्दीन अहमद असम राज्य के कद्दावर नेता है और कई सालों तक मंत्री रहे हैं। उनकी भी ऊंची रसूख होने के बावजूद नूरी खान को पार्टी में अपेक्षित सम्मान नहीं मिल पा रहा था।

कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने इस्तीफे में यह लिखी बातें।

भाजपा में जाने से इंकार, पदयात्रा से सुर्खियां

नूरी खान के त्यागपत्र देने के बाद उनके भाजपा में जाने की अटकलें चल पड़ी है लेकिन *पब्लिक News24* से बातचीत में उन्होंने खुद कहा कि भाजपा में नहीं जाएगी केवल आप सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जनता के बीच काम करेगी। बता दें कि कोरोना काल से लेकर जनता से जुड़े हर मुद्दे पर मुखर रहने वाली नेत्री के इस तरह पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को भी झटका लगा है। अब देखना हैं कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ उन्हें मना पाते हैं या नहीं। हाल ही में नूरी खान ने प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ उज्जैन से भोपाल तक की पदयात्रा की थी जिसमें उन्हें कार्यकर्ताओं का अच्छा समर्थन भी मिला था।