January 22, 2025

जूना अखाड़े के नए भवन दत्तात्रेय ध्यान योग केंद्र का शुभारंभ श्रीमहंत हरदेव गिरि महराज ने कियाः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज

श्रीमहंत हरि गिरि महाराज व श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज की मौजुदगी में केंद्र का शुभारंभ हुआ
प्रयागराजः
सिद्धबाबा मौज गिरि आश्रम रामघाट यमुना किनारे के नए भवन दत्तात्रेय ध्यान योग केंद्र का शुभारंभ हो गया। केंद्र का शुभारंभ श्रीमहंत हरदेव गिरि महाराज दर्शनामी अखाड़ा कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष ऋणकेशवर महादेव मठ मंदिर धुरी संगरूर पंजाब, ने जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर व जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, श्रीमहंत मोहन भारती महाराज, श्रीमहंत रामचंद्र गिरि महाराज, श्रीमहंत मोहन गिरि महाराज, श्रीमहंत तीरथ गिरि महाराज, महंत मुकेशानंद गिरि महाराज वैद्य, जूना अखाड़ा, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, रमता पंच के श्रीमहंत, महंत समेत हजारों संतों की मौजूदगी में किया। श्रीमहंत हरदेव गिरि महाराज ने कहा कि
सद्धबाबा मौज गिरि आश्रम रामघाट यमुना किनारे के नए भवन दत्तात्रेय ध्यान योग केंद्र बन जाने से साधु-संतों ही नहीं भक्तों को भी ध्यान-योग के साथ पूजा-अर्चना करने में आसानी रहेगी। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने कहा कि जूना अखाड़ा का यही प्रयास है कि प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले साधु-संतों को ही नहीं भक्तों को भी अधिक से अधिक सुविधा मिलें। सिद्धबाबा मौज गिरि आश्रम रामघाट यमुना किनारे के नए भवन दत्तात्रेय ध्यान योग केंद में इस प्रकार का वातावरण होगा ध्यान-योग व पूजा-अर्चना पूरी श्रद्धा के साथ की जा सकेगी। श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने कहा कि सिद्धबाबा मौज गिरि आश्रम रामघाट यमुना किनारे के नए भवन दत्तात्रेय ध्यान योग केंद्र प्रयागराज ही नहीं पूरे विश्व में भक्ति, आध्यात्म व ध्यान-केंद्र का प्रमुख केंद्र बनेगा। श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि सिद्धबाबा मौज गिरि आश्रम रामघाट यमुना किनारे के नए भवन दत्तात्रेय ध्यान योग केंद्र का भूमि पूजन पिछले कुंभ में गृहमंत्री अमित शाह ने किया था, जो अब बनकर तैयार हो गया है। केद्र का शुभारंभ श्रीमहंत हरदेव गिरि महाराज द्वारा किया गया।