January 22, 2025

निर्दलीय चुनाव लड़ने का दंभ भरने वाले संत अवधेश पुरी महाराज अब फिर पलटे, भाजपा प्रत्याशी के साथ की प्रेस वार्ता, मीडिया के सवालों पर हुए निरुत्तर

उज्जैन। अपनी अति महत्वाकांक्षा व भाजपा की डर्टी पॉलिटिक्स में उलझ कर संत डॉ. अवधेश पुरी महाराज ने खुद को ही कटघरे में खड़ा करवा लिया। तीन दिन पहले प्रेस वार्ता कर उन्होंने दक्षिण विधानसभा से चुनाव लड़ने के हुंकार भरी और कहा कि भूमाफिया इस क्षेत्र में हावी, शिप्रा मैली है गौ माता मार रही है। लेकिन चंद घंटे में ही वह फिर से मीडिया से मुखातिब हुए और दक्षिण से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. मोहन यादव को अपना समर्थन जाता दिया। इस दौरान मीडिया के सवालों पर निरुत्तर नजर आए और आखिर में हो हल्ले के बीच प्रेस वार्ता बीच में ही समाप्त हो गई।

मीडिया के सवालों से घिरे संत, बाद में भाग खड़े हुए।

उज्जैन। स्वास्तिक धाम के संत डॉ. अवधेश पुरी महाराज ने अचानक अपने बगावती सुर बदल लिए। दरअसल तीन दिन पहले प्रेस वार्ता लेकर संत ने कहा था कि वे उज्जैन दक्षिण विधानसभा से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान संत ने बगैर नाम लिए कहा था कई नेता भूमाफिया हो गए है। वही संत अब अपने सभी आरोपों से मुकर गए और रविवार को फ्रीगंज स्थित भाजपा के संभागीय मीडिया कार्यालय पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया और डॉ गुलरेज शेख भी मौजूद रहे। यहां संत ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे और उज्जैन दक्षिण के भाजपा प्रत्याशी उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के पक्ष में प्रचार करेंगे। वही जब मीडिया ने संत से सवाल किया तो वह सवालों के जवाब देने से बचते नजर आए। पत्रकारों ने कहा कि आपने उच्च शिक्षा मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे उन आरोपों का क्या? शिप्रा नदी में गन्दे नाले रोकने, गायों की मौत और सिंहस्थ भूमि को भूमाफियाओं से मुक्त करने का मुद्दा क्या 3 दिन में पूरा हो गया?

तीखा सवाल, कितने का पैकेज मिला महाराज….

प्रेस वार्ता के बीच एक पत्रकार ने महाराज से पूछा कि आखिर आपको कितने का पैकेज मिल गया जो आप इस तरह से यू टर्न ले रहे हो। इसके बाद वे वार्ता बीच में ही छोड़कर भाग खड़े हुए। इस सब चर्चा दौरान प्रत्याशी डॉ मोहन यादव और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देने चाहे परंतु पत्रकारों ने संत से ही जवाब मांगे

कई इस्थानी संतो का लिया सहारा वे भी नाराज

अपने चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही संत अवधेश पुरी महाराज ने उज्जैन के कहीं संतों का सहारा लिया और उनके साथ बैठक कर रणनीति बनाई लेकिन एकाएक उनके द्वारा उतरन दिए जाने से उज्जैन के कहीं स्थानीय संत भी उनसे खफा है। दरअसल वे अपनी अति महत्वाकांक्षा में डूबकर संत समाज को भी कटघरे में खड़ा करवा रहे हैं।