October 16, 2025

उज्जैन। शहर के प्राचीन सप्तसागर सहित अन्य तालाबों के आसपास हुए अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ी पहल शुरू की है। सागरों की सरकारी भूमि भू माफियाओं के चुंगल से मुक्त कराने और राजस्व रिकॉर्ड में की गई हेराफेरी को दुरुस्त करने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित एसडीएम से विभिन्न बिंदुओं पर प्रतिवेदन तलब किया है। 120 साल पुराने राजस्व रिकॉर्ड की जांच पड़ताल कर प्रशासन सागरों की भूमि के आसपास हुए अतिक्रमण को हटाएगा।
कलेक्टर आशीष सिंह ने गोवर्धन सागर और क्षीरसागर में अतिक्रमण और निजी व्यक्तियों के नाम राजस्व रिकॉर्ड में होना पाए जाने पर संबंधित एसडीएम को विभिन्न बिंदुओं पर कार्रवाई कर प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद तालाबों क्या पास की शासकीय भूमियों को अतिक्रमण कर्ताओं से मुक्त कराया जाएगा जिससे इन सागरों का पुनरुद्धार हो सकेगा। पहली बार प्रशासन ने सामूहिक रुप से सागरों की भूमि चिन्हित करने व इनके अतिक्रमण हटाने की पहल की है।

नीलगंगा स्थित प्राचीन सरोवर।
  • इन बिंदुओं पर प्रतिवेदन तलब
  • कस्बा के वर्ष 1899 के नक्शे नंबरों को 1927 के अधिकार अभिलेख के आधार पर कस्बा उज्जैन स्थित सप्त सागरों में रुद्र सागर , गोवर्धन सागर ,पुरुषोत्तम सागर ,पुष्कर सागर और क्षीरसागर पर हुए अतिक्रमण को चिन्हित किया जाकर नियमानुसार अतिक्रमण के संबंध में कार्यवाही की जाए ।
  • यदि राजस्व व नगर निगम अभिलेखों में गलत प्रविष्टियां हैं तो उनकी जांच कर प्रविष्टि सुधार हेतु विधि अनुसार कार्रवाई की जाए । जिन मामलों में सिविल न्यायालय सहायता देने हेतु सक्षम है वहां शासकीय अभिभाषक से अभिमत लेकर आगामी कार्रवाई की जाना सुनिश्चित की जाए ।
  • उज्जैन कस्बा के बाहर भीतरी में स्थित विष्णुसागर और उंडासा में स्थित रत्नाकर सागर के संबंध में भी आवश्यक नियमानुसार कार्रवाई अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार करना सुनिश्चित करें।
  • कस्बा उज्जैन के वर्ष 1899 के नक्शे में दर्ज अन्य तालाबों दूधतलाई। नीलगंगा और सूरजकुंड की मोके पर जांच करवाई जाए और नियमानुसार कार्रवाई की जाए ।
  • वर्ष 1899 के कस्बा उज्जैन के नक्शे की प्रति हेतु प्रभारी अधिकारी राजस्व अभिलेखागार को पत्र जारी किया गया है। उक्त सभी कार्रवाई 1 माह के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं।