पीएचडी चयन परीक्षा में ओएमआर शीट में की गई गड़बड़ी पड़ी भारी, विद्यार्थियों को फेल पास करने के गणित में फंसे अधिकारी


डेस्क @ पब्लिक न्यूज़ 24 उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के पीएचडी चयन परीक्षा में हुई धांधली को लेकर लोकायुक्त ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। कई महीनों से जारी जांच के बाद आखिरकार लोकायुक्त संगठन उज्जैन ने विवि कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक, सहायक उप कुलसचिव प्रो. रविंद्र उचवारे, पूर्व कुलपति प्रो. पीके वर्मा, प्रो. गणपति अहिरवार व इंजीनियरिंग संस्थान के वायएस ठाकुर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इन सभी पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा ७, ४२०, ४६८, ४७१, १२० बी में प्रकरण दर्ज किया है।
लोकायुक्त टीआई दीपक सेजवार के अनुसार पीएचडी चयन परीक्षा की 12 ओएमआर सीट में काट छांट व अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को उत्तीर्ण करने संबंधी दस्तावेज मिले हैं। जांच में आरोप प्रमाणित होने पर संबंधित अधिकारियों व शिक्षकों के विरुद्ध प्रकरण कायम किया है। युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खींची ने आंसर शीट में की गई इस गड़बड़ी कि मैं दस्तावेज लोकायुक्त को शिकायत की थी। जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने कुलपति कुलसचिव समेत विभिन्न अधिकारियों के बयान दर्ज किए थे। जांच पुरी होने के बाद अब जिम्मेदार अधिकारियों पर प्रकरण कायम किए गए हैं। बकौल खींची कि विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने कोर्ट में भी हम मजबूती से अपना पक्ष रखेंगे।
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