उज्जैन। कोरोना के चलते श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रतिबंधित किया गया प्रवेश अब शुरू हो गया
है। सोमवार से श्रद्धालु तय मापदंडों के अनुरूप गर्भग्रह में पहुंचकर बाबा के दर्शन एवं जलाभिषेक कर सकेंगे। लेकिन तड़के होने वाली भस्म आरती में प्रवेश पूर्णता प्रतिबंधित रहेगा साथ ही श्रद्धालु हरिओम जल भी नहीं चढ़ा सकेंगे। रविवार को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने पूर्व में लिए गए निर्णय अनुसार इस संबंध में गाइड लाइन तय की।

करीब 18 माह के लंबे अंतराल के बाद अब श्रद्धालु गर्भ ग्रह में जाकर दर्शन कर पाएंगे। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड के अनुसार समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह के मार्गदर्शन 6 दिसम्बर से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश प्रारंभ किया जा रहा है। अभी यह व्यवस्था प्रायौगिक रूप में प्रारम्भ की जा रही हैं। सामान्य दर्शनार्थी हेतु
भीड़ की स्थिति को देखते हुए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जावेगी।
यह रहेगी दर्शन की व्यवस्था
सामान्य दर्शनार्थी शंख द्वार से फेसिलिटी सेन्टर, मंदिर परिसर, कार्तिकेय मण्डपम् से रैप उतरकर गणेश मण्डपम् की बैरिकेट्स से नंदीमण्ड्पम से होते हुए गर्भगृह में प्रवेश करेगे व दर्शन उपरान्त निर्गम रैप से प्रस्थान करेंगे। श्री धाकड ने बताया कि, प्रवेश बंद के दौरान रूपये 1500 की रसीद पर 2 श्रद्धालु, लघु रूद्र की रसीद पर 03 श्रद्धालु और महारूद्र की रसीद पर 5 श्रद्धालु गर्भगृह से दर्शन कर सकेगे। इस दौरान भी श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर भगवान का केवल जलाभिषेक ही कर सकते है। जिसकी व्यवस्था मंदिर प्रबंध समिति के द्वारा की गई हैं। यदि श्रद्धालु के परिवार के तीन सदस्यों को गर्भगृह में जल अर्पित करना है तो उन्हें रूपये 1500 /- की एक रसीद के अलावा रूपये 1000/- एक अतिरिक्त रसीद कटवाना होगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर के अधिकृत 16 पुजारी व 22 पुरोहित अपने यजमानों के लिए एक दिवस में अधिकतम 1500/- रूपये की 03 रसीद व लघुरूद्र की 02 रसीद ही काउण्टर से कटवा सकेंगे।
गर्भ ग्रह में दर्शन का यह रहेगा शेड्यूल
पुजारी/पुरोहित अपने यजमानों को प्रात: 06:15 से 7:15 तक दोपहर 01:00 से 03:00 बजे तक तथा रात्रि 08:00 से 09:00 बजे तक 1500/- की रसीद कटाकर गर्भगृह में जल अर्पित करा सकेंगे। प्रोटोकॉल श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था के अंतर्गत गर्भगृह में प्रवेश हेतु 1500/- रूपये की रसीद अध्यक्ष एवं कलेक्टर/प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति से अनुमति प्राप्त करने के उपरांत कटवाई
जा सकेगी।
दूध फल प्रसाद अंदर ले जाना प्रतिबंधित
मंदिर गर्भगृह में किसी भी प्रकार का पूजन, अभिषेक, आरती इत्यादि किया जाना तथा दूध, फूल-प्रसाद या किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर प्रतिबन्ध, रहेगा। भगवान श्री महाकालेश्वर को केवल जल अर्पित कर तत्काल बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे। रसीदधारी श्रद्धालु श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वार क्रमांक 4 से प्रवेश कर विश्राम धाम से सभा मण्डप चॉदी द्वार से गर्भगृह दर्शन हेतु प्रवेश करेगे व वहॉ की गई व्यवस्था नुसार श्री महाकालेश्वर भगवान का जलाभिषेक कर जल द्वार से बाहर आयेगे। प्रवेश बंद के दौरान रसीद लेकर दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। जिसमें पुरूषों को धोती-सोला व महिलाओं को साड़ी में ही गर्भगृह में प्रवेश दिया जा सकेगा। गर्भगृह में प्रवेश के दौरान आगन्तुक समस्त श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 महामारी हेतु जारी गाईडलाईन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
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