April 14, 2025

जिन सफाई कर्मियों सम्मान में था सद्भावना भोज उन्होंने ही बना ली दूरी, सांसद ने मंच से किया कटाक्ष

उज्जैन। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में उज्जैन को मिली सफलता पर आयोजित स्वच्छता सम्मान समारोह में कर्मचारी संगठनों व सफाई अमले की नाराजगी साफ दिखी। 3 हजार लोगों के लिए आयोजित इस समारोह में 1 हजार लोग भी उपस्थित नही हो पाये। कहीं ना कहीं सफाईकर्मियों से लेकर कई अन्य कर्मचारी और अधिकारी भी अनबने मन से कार्यक्रम में केवल दिखावे के लिए उपस्थिति दर्शाते दिखाई दिये।

रविवार को ग्रांड होटल में आयोजित स्वच्छता सम्मान समारोह वैसे तो सुबह 11 बजे शुरू होना था, लेकिन कर्मचारियों और अधिकारियों की कम उपस्थित के कारण कार्यक्रम लगभग सवा घंटे देरी से शुरू हुआ। कार्यक्रम में भी कर्मचारियों की उपस्थिति सम्मानजनक नजर नही आई। खासबात यह है कि स्वच्छता अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले सफाईकर्मी से लेकर आईईसी टीम के सदस्य जिन्होंने लगातार फील्ड में रहकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूकता किया वह भी नदारद रहे।

नगर निगम आयुक्त की मनमानी कार्यप्रणाली से नगर निगम हित में कार्य करने वाले कर्मचारी और अधिकारी भी उनके निशाने पर है। जिसका असर रविवार को आयोजित कार्यक्रम के शुरूआती दौर में ही नजर आने लगा था। जब तय समय पर भी कार्यक्रम में कर्मचारियों की संख्या कम दिखाई दी तो यहां कार्यक्रम की कमान संभालने वाली अधिकारियों के माथे पर चिंता साफ दिखाई दी, उसके बाद अधिकारियों ने अपने स्तर पर फोन कॉल कर निगम कर्मचारियों को कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज करवाने के लिए प्रयास शुरू किये।

सांसद ने भी किया कटाक्ष, पूर्व महापौर भी नाराज

कार्यक्रम के दौरान सांसद अनिल फिरोजिया ने भी कई तरह के कटाक्ष किए। वह बोले कि उज्जैन को नंबर वन आना था लेकिन कुछ कमियों ने हमें पीछे धकेल दिया। टाटा के सीवरेज प्रोजेक्ट की कमियों पर उन्होंने निगम आयुक्त की ओर इशारा कर कहा कि कंपनी के कान मोड़ना चाहिए नहीं तो आगे और दिक्कत आएगी। इधर पूर्व महापौर मीना जोनवाल ने सफाई अमले को तो शाबाशी दी लेकिन अधिकारियों के रवैए पर खिन्नता दिखाई। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर कलेक्टर आशीष सिंह को भी होना था लेकिन वह नहीं है।

आयुक्त से नाराज, अमला यह है कारण

कार्यक्रम में इस बात की भी चर्चाएं चली कि नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता से कर्मचारियों की नाराजगी के केवल दो कारण है। पहला वह अपने अधिनस्थ कर्मचारियों पर अभी तक भरोसा नही कर पा रहे है, दूसरा उनके सख्त तरीके से बोलने के अंदाज से भी उनके विभाग के ही लोग उनसे दूरी बनाते नजर आ रहे है। कर्मचारियों का कहना है कि वह भले ही छोटे कर्मचारी है, लेकिन उनका भी स्वाभिमान है। हो सकता है कि कोई लापरवाह, भ्रष्ट हो, लेकिन इसका यह मतलब नही कि सभी को एक ही नजर से देखा जाये।

लाखो का खर्च, बावजूद उत्साह नहीं

समारोह में व्यवस्थाओं से लेकर सहभोज में नगर निगम ने लाखों रुपए खर्च किए लेकिन जिनके लिए आयोजन था उनमें उत्साह की कमी और कम उपस्थिति में पूरे कार्यक्रम पर ही सवालिया निशान लगा दिया। निगम के जिम्मेदारों को अब अमले के साथ बेहतर समन्वय कायम करने की जरूरत है।