उज्जैन ।गोविंद सोलंकी।
।निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने नगर निगम उज्जैन में ठेकेदारों के एक सिंडिकेट को पकड़ा है जिसमें वह कुछ अधिकारियों से मिलकर ठेके की शर्तों में फेरबदल कर अपने अनुसार शर्ते जुड़वा लेते हैं। ऐसा ही मामला मेन पावर सप्लाई को लेकर सामने आया है, उल्लेखनीय की नगर निगम में मेन पावर सप्लाई का टेंडर 2021-22 के लिए निकाला जाना है इसके लिए टेंडर क्रमांक/ स्थापना / 2021/ 662 दिनांक 3 /9/ 2021 जारी हुआ, जिसमें ठेकेदारों ने सांठगांठ कर निगम के एक अधिकारी से यह शर्त जुड़वा ली की जो फर्म 6% अधिक की दर डालेगा उसे टेंडर मिलेगा, जबकि नियमानुसार होता यह है कि जिसकी कम दर होती है उसे ठेका दिया जाता है। मेन पावर सप्लाई के तहत 28 सितंबर21 तक टेंडर भरने की अंतिम तारीख थी, 3 सितंबर21 को निकले टेंडर को लेकर दो ठेकेदारों ने निगम के, एक अधिकारी’ से सांठगांठ कर यह शर्त तो जुड़ वाली पर उन्हें यह नहीं मालूम कि वर्तमान में नगर निगम में आई ए.एस के साथ आईपीएस अधिकारी पदस्थ हैं उन्होंने इस चालाकी को पकड़ते हुए निगम को 2,40,00000 का फटका लगने से बचा लिया ,वही इस टेंडर की खासियत यह थी कि इसमें दो कार्य एक10 करोड़ का और दूसरा 24 करोड़ का था, अब निगमायुक्त पर दबाव बनाया जा रहा है कि टेंडर को जल्द से जल्द खोला जाए वहीं निगमायुक्त है कि टेंडर खोलने को राजी नहीं है उन्हें मालूम है कि वर्तमान में नगर निगम की वित्तीय स्थिति काफी खराब है ऐसे में वे 2,40,00000 की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए टेंडर को रोके हुए हैं। वहीं सूत्रों से यह भी ज्ञात हुआ है कि जिस अधिकारी की सांठगांठ से ठेकेदारों के सिंडिकेट ने यह शर्त जुड़वा ली थी उस पर कार्रवाई की तलवार भी लटक गई है।
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