April 14, 2025

उज्जैन। मानव व्यक्तित्व अथ से इति तक जिज्ञासाओं से युक्त होता है। जिज्ञासा, उत्कंठा, मानव को प्रेरणा प्रदान करती है, साहसी व्यक्तित्व ही जिज्ञासा प्राप्त करने का अनुगामी होता है। पूर्ववर्ती की गलती से, निर्णय से देश को वर्षों से समस्याओं से जूझना होता है, वर्तमान में पूरा विश्व भारत की ओर शांतिपूर्ण निराकरण के तहत सम्मान से देख रहा है।
उक्त उद्गार उड्डयन मंत्री जनरल वीके सिंह ने साप्ताहिक अदम्य समाचार पत्र के संपादक भूपेन्द्र दलाल द्वारा लिखित एवं संपादित ‘जिज्ञासा’ पुस्तक के विमोचन समारोह पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये। अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, मध्यप्रदेश एवं उज्जैन के विभिन्न रोचक विषयों पर आधारित पुस्तक के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता सांसद अनिल फिरोजिया ने की। विशेष अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल व्ही.के. चतुर्वेदी, महामंडलेश्वर आचार्य शेखर, विधायक पारस जैन थे। स्वागत उद्बोधन विवेक चौरसिया ने दिया। पुस्तक की समीक्षा पूर्व सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय ने की। सूत्रधार स्वामी मुस्कुराके शैलेन्द्र व्यास थे। आभार डॉ. पराग दलाल ने माना। मंचासीन अतिथियों का स्वागत शाल, श्रीफल स्मृति चिन्ह प्रदान कर भूपेन्द्र दलाल ने किया। लेफ्टिनेंट जनरल वर्ष 1971 के इंडो पाक युध्द का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल ने प्रभावी उद्बोधन में कहा कि देश का विकास जिज्ञासाओं पर, सूचना पर आधारित है। देश के महान वीरों ने बलिदान की आहूतियां देकर राष्ट्र को स्वाभिमान दिया है। आचार्य शेखर ने कहा कि भारत ने प्राचीन काल से ही विश्व की जिज्ञासाओं को शांत किया है। सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि रामचरित मानस, भगवत गीता, वेद पुराण वैज्ञानिक जिज्ञासाओं के ज्वलंत प्रमाण हैं। इस अवसर पर म.प्र. लोकसेवा आयोग के सदस्य पूर्व आईजी रमण सिकरवार, पुष्कर बाहेती, अक्षय आमेरिया, चंद्रकांत जोशी, विवेक चौरसिया का विशिष्ट अभिनंदन किया गया।