October 14, 2025
ऑनलाइन आपत्तियों की सुनवाई के दौरान मंत्रालय
मौजूद पीएस मनीष सिंह व अन्य अधिकारी

मास्टर प्लान 2035 पर पीएस ने भोपाल से की ऑनलाइन सुनवाई, विधायक जैन बोले बायपास मार्ग को आवासीय किया तो सड़क पर उतरकर जिताएंगे विरोध, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने की कोर्ट जाने करी तैयारी, तराना विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि भी समर्थन में

उज्जैन। मास्टर प्लान 2035 में कतिपय भूमाफियाओं की मनमानी व शासन के अधिकारियों के ढुलमुल रवैया को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी व विधायक पारस जैन मुखर हो गए हैं। शुक्रवार को नगरीय प्रशासन विभाग के पीएस मनीष सिंह द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई आपत्तियों की सुनवाई दौरान दोनों ने एक स्वर में कहा कि सिंहस्थ बायपास मार्ग के सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी, दाऊदखेड़ी क्षेत्र की भूमियों को कतई आवासीय घोषित नहीं किया जाए। 2016 में इन्ही क्षेत्रों में सेटेलाइट टाउन, पुलिस कैंप व कई जरूरी शिविर लगे थे, आगामी सिंहस्थ 2028 में इससे और अधिक भूमि की आवश्यकता पड़ेगी।

विधायक जैन में तो पीएस को यहां तक कह दिया उक्त क्षेत्रों की भूमिया सिहस्थ हेतु आरक्षित नहीं की गई तो सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराएंगे। वही इस पूरे गंभीर मामले पर सांसद अनिल फिरोजिया खामोश है, जबकि सबसे पहले उन्होंने ही शासन को पत्र लिखकर उक्त क्षेत्रों की जमीनों को सिंहस्थ महापर्व के लिए उपयोगी करार दिया था। लेकिन पिछले कुछ समय से उनकी चुप्पी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।

भौतिक सुनवाई हो, यह महज औपचारिकता

शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे वल्लभ भवन से पीएस मनीष सिंह ने गूगल मीट के माध्यम से मास्टर प्लान से संबंधित सभी आपत्तियों की ऑनलाइन सुनवाई की। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने भी पारस जैन की बात का समर्थन करते हुए कहा कि यदि शासन इस मामले पर उचित निर्णय नहीं लेता तो परिषद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। सीनियर एडवोकेट्स की पैनल ने दस्तावेज जुटाना शुरू कर दिया है। जल्द ही मामले पर जनहित याचिका दायर करेंगे। सभी लोगों ने ऑनलाइन हो रही सुनवाई को महज औपचारिकता करार दिया और मांग रखी कि आला अधिकारी उज्जैन आकर भौतिक सुनवाई करें। इस दौरान टीएनसीपी के ज्वाइंट डायरेक्टर श्री साधो, सहायक अधिकारी छलोत्रे भी मौजूद रहे।

*विधायक परमार भी उखड़े, सिंहस्थ के खिलाफ जा रही यह कैसी हिंदूवादी सरकार है…???*

ऑनलाइन सुनवाई के दौरान आपत्तियां दर्ज कराते विभिन्न आपत्तिकर्ता।

सुनवाई दौरान विधायक महेश परमार भी अधिकारियों पर उखड़े और कहा कि मास्टर प्लान के नाम पर कई महीनों से मनमानी व भू माफियाओं के इशारे पर जमीनों की खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा है। भाजपा के लोग खुद को हिंदूवादी सरकार बताते हैं लेकिन खुद ही सिंहस्थ महापर्व पर कुठाराघात कर रहे हैं। जब अखाड़ा परिषद व तमाम साधु संत उक्त जमीनों को आरक्षित करने की मांग कर रहे हैं तो फिर किसके दबाव में उन भूमियों को आवासी करने का खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।

पूर्व सभापति, पार्षद, पत्रकार एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता ने भी दर्ज कराई आपत्तियां

मास्टर प्लान में बायपास मार्ग की भूमियों को लेकर वरिष्ठ पार्षद सत्यनारायण चौहान, पार्षद रवि राय, पूर्व पार्षद राजश्री जोशी, पत्रकार उमेश चौहान, एडवोकेट सागर सिंह तिरवार सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण सोमानी सहित अन्य कई लोगों ने भी अपनी आपत्तियां दर्ज कराई। पार्षद चौहान बोले की शिप्रा नदी के किनारे 300 मीटर के क्षेत्र को ग्रीन बेल्ट घोषित किया जाना चाहिए। पिछले सिंहस्थ में 5 करोड़ लोगों के आने का अनुमान था तो आगामी मेले में यह संख्या 8 करोड़ तक पहुंच सकती है। ऐसे में मेला क्षेत्र का विस्तार बहुत जरूरी है ना कि से इसे कम किया जाए। इधर पार्षद राय ने कहा की उक्त क्षेत्रों में जमीनों को खरीदने बेचने के चलते शासन को 500 करोड़ के राजस्व की हानि हो रही है इसकी मय प्रमाण शिकायत प्रस्तुत की गई है। पूर्व निगम सभापति सोनू गहलोत ने ग्रीन बेल्ट का दायरा बढ़ाने सहित पिपलीनाका क्षेत्र की उन भूमियों को सिहस्थ से मुक्त करने की मांग रखी जहां 1980 के बाद से कोई शिविर व कैंप आदि नहीं लगे।

सांसद फिरोजिया ने बनाई दूरी, सांठगांठ की चर्चा

मास्टर प्लान जैसे गंभीर मुद्दे व उज्जयिनी के गौरव सिंहस्थ आयोजन के बावजूद भी क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया ने पूरे मामले से दूरी बना ली है। ऐसे में चर्चा है कि वे खुद भी प्रॉपर्टी व्यवसाय से जुड़े हैं इसलिए उनके बिल्डर व कॉलोनाइजरो से मधुर संबंध है। इसी सांठगांठ में उन्होंने मामले से दूरी बना ली और भू माफियाओं के इस खेल अपनी मौन स्वीकृति दे डाली।