January 22, 2025

भाजयुमो कार्यकर्ताओं से मारपीट के मामले में आया अहम फैसला, सजा के साथ आरोपियों पर 5–5 हजार जुर्माना

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के काफिले के आगे काले झंडे दिखा दे भाजयुमो के तत्कालीन नगर अध्यक्ष धनंजय शर्मा और अन्य कार्यकर्ता।

उज्जैन/इंदौर। वर्ष 2011 में उज्जैन में हुई मारपीट की घटना के मामले में इंदौर की विशेष न्यायालय ने आज पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू सहित इस घटना के मामले में 6आरोपियों को एक-एक वर्ष का कारावास और पांच पांच हजार के जुर्माने की सजा सुनाई।

वर्ष 2011 में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में जा रहे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तत्कालीन उज्जैन सांसद प्रेमचंद गुड्डू और सात अन्य लोगों का विवाद तत्कालीन भाजयुमो नगर अध्यक्ष धनंजय शर्मा की अगुवाई में काले झंडे दिखा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ हो गया था। जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रेमचंद गुड्डू दिग्विजय सिंह सहित 9 आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में जीवाजी थाने में प्रकरण दर्ज कराए गए थे। जनप्रतिनिधियों की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय इंदौर में आज उक्त मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू जय सिंह असलम लाला अनंत नारायण दिलीप चौधरी सभी छह आरोपियों को सजा सुनाई। जबकि तीन आरोपियों तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार मुकेश भाटी हेमंत सिंह चौहान को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया। दिग्विजय सिंह और प्रेमचंद गुड्डू को कोर्ट ने अन्य चार आरोपियों को मारपीट के लिए भड़काने का दोषी माना।

कुछ ही देर में कोर्ट से जमानत भी मिल गई

मामले में दिग्विजय सिंह प्रेमचंद गुड्डू सहित सभी छह आरोपियों को आज कोर्ट में पांच पांच हजार रु का जुर्माना जमा करवाकर 25 -25 हजार की जमानत पर रिहा कर दिया। शासकीय अधिवक्ता विमल कुमार मिश्रा ने बताया कि क्योंकि सभी आरोपियों की सजा 3 वर्ष से कम थी इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है।वही इस मामले में दिग्विजय सिंह के वकील ने कहा कि उक्त मामले में हाई कोर्ट में अपील करेंगे दूसरी ओर उक्त मामले के आरोपी दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन वे उक्त सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में जल्द ही अपील करेंगे। वही गुड्डू ने यह भी कहा कि उक्त घटना के समय पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई थी इस सिक्योरिटी में शामिल किसी भी सुरक्षा अधिकारी का कोर्ट में बयान नहीं लिया गया ।

यह है पूरा मामला और घटनाक्रम

यह मामला 17 जुलाई 2011 का है, दिग्विजय सिंह द्वारा मुम्बई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देश विरोधी संग़ठन बताए जाने के विरोध में भाजयुमो उज्जैन नगर इकाई द्वारा उस वक्त के तत्कालीन अध्यक्ष धनंजय शर्मा के नेतृत्व में दिग्विजय सिंह को जूना सोमवारिया चौराहे पर लोकतांत्रिक तरीके काले झंडे दिखाकर कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया गया था। काले झंडे दिखाने के फलस्वरूप पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व पूर्व सांसद प्प्रेमचंद गुड्डू द्वारा लाठियों से हमला किया गया। इसी दौरान दिग्विजय सिंह के समर्थकों और भाजयुमो कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई थी।
घटना के बाद पुलिस ने कांग्रेस के 4 नेताओं जयसिंह दरबार (वर्तमान में बीजेपी नेता), अनंत नारायण मीणा, मुकेश भाटी और असलम लाला पर केस दर्ज किया था। बाद में दिग्विजय सिंह और सांसद प्रेमचंद गुड्डू पर भी मामला दर्ज हुआ। दरअसल, थाने में FIR दर्ज होने के बाद शासन की ओर से कोर्ट में अर्जी दायर कर मामले में दिग्विजय सिंह, प्रेमचन्द्र गूड्डू, हेमंत चौहान और दिलीप चौधरी को भी आरोपी बनाने की मांग की गई थी।

ये थे मामले में फरियादी
भाजयुमो कार्यकर्ता रितेश खाबिया, जयंत गरुड़,सुमित नारेलिया, गज्जू बागड़ी,योगेश ठाकुर, सुधीर यादव की शिकायत पर जीवाजी गंज थाने उज्जैन में कांग्रेसी नेताओं के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था। साथ ही दिग्विजय सिंह पर एक भाजयुमो कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने का आरोप भी था।