January 22, 2025

सोशल मीडिया के सप्ताहिक अखबार डेरिंग ऑफ न्यूज़ की प्रतियों का जनसंपर्क विभाग में कोई रिकॉर्ड नहीं, एसडीएम को हुई शिकायत के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर और मुद्रक का लाइसेंस होगा निरस्त…

ये है दारूबाज रिंपी भदोरिया, जो केवल सोशल मीडिया पर ही अखबार निकालकर लोगों को बनाता है अपना शिकार।

पब्लिक न्यूज़ 24 डेस्क/उज्जैन।

अजाक थाने के फरार आरोपी राजीव सिंह भदोरिया उर्फ रिम्पी ने अपने कारनामों को छुपाने और कथित तौर पर मीडिया में बने रहने के लिए एक साप्ताहिक ‘डेरिंग ऑफ न्यूज़’ तो शुरू कर लिया। लेकिन इसकी दारूबाजी की लत इसके इस काम पर ही भारी पड़ गई। अखबार छपवाने के सारे पैसे तो यह दारूबाजी में उड़ा देता है यही कारण है कि कई वर्षों से इसके अखबार की प्रतियां तक नहीं छप पाई। यह हम नहीं खुद जनसंपर्क विभाग का रिकॉर्ड बोल रहा है। जहां लंबे अरसे से डेरिंग ऑफ न्यूज़ नामक अखबार की एक भी प्रति उपलब्ध नहीं। इससे साफ है कि केवल सोशल मीडिया के जरिए यह कथित साप्ताहिक अखबार ब्लैकमेलिंग का जरिया बन गया है। इसका सामाजिक सरोकारों से कोई वास्ता नहीं।

अजाक थाने के फरार आरोपी रिंपी भदोरिया के अखबार का नंबर एमपीएचआईएन/ 2017/ 2965 है। उक्त रजिस्ट्रेशन नंबर अपने अखबार के हेडर पर डालकर और अखबार के लास्ट में मुद्रक में अक्षर वार्ता पब्लिकेशन का फर्जी पता देकर यह केवल व्हाट्सएप पर इसे प्रसारित करता है। सोमवार को जनसंपर्क विभाग की संयुक्त संचालक श्रीमती रश्मि देशमुख ने जनसंपर्क कार्यालय के रिकॉर्ड देखने के बाद बताया कि उनके यहां डेरिंगऑफ न्यूज की कोई प्रति उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में उन्हें जानकारी मिली की अखबार की डेडलाइन में अक्षरवार्ता पब्लिकेशन पता क्षीरसागर को मुद्रक के तौर पर बताया गया है। वहीं शहर में दो बड़ी प्रिंटिंग प्रेस पर भी जब पड़ताल की गई तो उन्होंने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि उनके यहां यह कथित डेरिंग न्यूज़ छपता नहीं है।

घर चलना मुश्किल, अखबार केसे चलेगा

आखिर अखबार की छपाई और वितरण लोहे के चने चबाने जैसा काम होता है। इसमें जेब का ही लगता है, लेकिन जब जेब खाली हो तो इसे केवल ब्लैकमलिंग का जरिया ही बनाया जा सकता है। रिंपी और इसके दो दारुड़िए साथी जिनका घर भी जैसे तैसे चलता हो, अखबार की छपाई कैसे कराएंगे। और जब अखबार छपवाने की बात आती है तो वसूली के पैसे तो ये देसी दारु की नशा खोरी में उड़ा देते हैं। रिंपी जैसे लोगो का मकसद केवल ब्लेक मेलिंग करना अपनी लत को पूरी करना है। हाल ही में फ्रीगंज के एक ज्वेलर्स ने इससे जुड़े मामले कि शिकायत माधव नगर थाने में कर रखी है। जिस पर जांच लंबित है। वहीं घटिया तहसील के सरपंच ने भी एक शिकायत थाने में दर्ज करवा रखी है ।बताते चलें कि जिस डेरिंग ऑफ न्यूज़ के नाम पर यह ब्लैकमेलिंग हो रही है वह नियमानुसार ना प्रकाशित हो रहा है ना उसका कोई लेखा जोखा है ।सब कुछ केवल सोशल मीडिया एवं व्हाट्सएप पर ही चल रहा है।

एसडीएम को रजिस्ट्रेशन रद्द करने की शिकायत

खुद के अखबार को साप्ताहिक लिखकर प्रकाशित नहीं कराने वाले रिंपी भदोरिया के डेरिंग ऑफ न्यूज़ के खिलाफ एसडीएम को भूल शिकायत हुई है। प्रेस एक्ट की विभिन्न धाराओं मैं उल्लेखित है की अखबार की प्रेस लाइन में उस मुद्रक का पता उल्लेख करना है जिसके यहां प्रिंटिंग प्रेस हो और अखबार छप सकता हो। डेरिंग ऑफ़ न्यूज की प्रिंट लाइन में अक्षर वार्ता पब्लिकेशन क्षीरसागर के नाम पर मुद्रित होना बताया गया है। जबकि उक्त स्थान पर कोई प्रेस स्थापित नहीं है। इस संबंध में सोमवार को उज्जैन एसडीएम के यहां यहां नागेश पिता नाथू लाल मालवीय द्वारा एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई गई है। जिसमें उक्त समाचार पत्र की प्रतियां नहीं छपने सहित विभिन्न अनियमितताओं का उल्लेख है। साथ ही आयुक्त जनसंपर्क को रजिस्टर्ड एडी से भेजी शिकायत में बताया गया कि बिना अखबार की प्रतियां निकाले जनसंपर्क विभाग से शासकीय विज्ञापन लेकर आर्थिक अनियमितताएं की जा रही है। अतः संबंधित अखबार का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाए।

नोट – अगले अंक में पढ़ें इस कथित डेरिंग ऑफ न्यूज़ के जरिए बनाई गई ब्लैक मेलिंग गैंग का एक और कारनामा। जिसमें एक संभ्रांत परिवार को कैसे किया प्रताड़ित।