तीसरी लहर के चलते 57 दिन से भस्मारती में बंद था प्रवेश, तय दिनों में आम श्रद्धालुओं को भी मिलेगा गर्भगृह में प्रवेश
उज्जैन। कोरोना की तीसरी लहर में 57 दिन पहले बंद किया गया भस्मारती में श्रद्धालुओं का प्रवेश फिर से शुरू कर दिया गया है। शनिवार से ही यह क्रम शुरू हो जाएगा। शुरुआत में कुछ दिनों तक श्रद्धालु भस्मारती से 1 दिन पूर्व ऑफलाइन यानी काउंटर से फॉर्म भरकर अनुमति ले सकेंगे। वही कुछ दिनों बाद भस्म आरती की ऑनलाइन परमिशन भी शुरू कर दी जाएगी। हाल ही में मंदिर प्रबंध समिति ने सप्ताह के 4 दिनों में दोपहर एक से 4:00 व भीड़ कम होने की स्थिति में आम श्रद्धालुओं को गर्भ ग्रह में भी निशुल्क प्रवेश देने का निर्णय किया है।


प्रशासन के भस्म आरती व गर्भग्रह में प्रवेश शुरू करने के निर्णय से उज्जैन में श्रद्धालुओं व पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा और इससे व्यापार व्यवसाय को भी गति मिलेगी। उज्जैन जिला प्रशासन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए भस्म आरती में प्रवेश व गर्भ ग्रह में श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू किया है। मंदिर समिति प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ के अनुसार शनिवार से ही भस्म आरती में ऑफलाइन पद्धति से प्रवेश शुरू कर दिया जाएगा। वही पहले की तरह प्रोटोकोल के माध्यम से अनुमति भी दी जाएगी। इसके लिए ₹200 का शुल्क निश्चित रहेगा। लेकिन आम तौर पर ऑफलाइन प्रक्रिया से भस्म आरती प्रवेश निशुल्क रहेगा।
इन दिनों में गर्भ ग्रह में प्रवेश
सप्ताह में मंगलवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 तक श्रद्धालुओं की संख्या वह भीड़ के हिसाब से गर्भग्रह में आम प्रवेश दिया जाएगा। इस श्रेणी के पूर्व तक केवल 15 सो रुपए की जलाभिषेक रसीद कटाने वालों को ही गर्भ ग्रह में प्रवेश दिया जा रहा था। इस कठोर नियमों को लेकर आम श्रद्धालुओं के बीच मंदिर प्रबंध समिति की किरकिरी भी हो रही थी। विरोध इस बात का था कि क्या केवल अमीर लोग ही भगवान के करीब जा पाएंगे।??
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