October 19, 2025

उज्जैन। जल संसाधन विभाग की करतूत व अधिकारियों का भ्रष्टाचार एक बार फिर उजागर हुआ है। खान नदी के दूषित पानी शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए जल संसाधन विभाग ने हाल ही में लाखों रुपए खर्च कर मिट्टी का बांध बनाया था। जो पानी के दबाव से सोमवार शाम बह गया और खान का प्रदूषित पानी बड़ी मात्रा में शिप्रा नदी में मिल गया। पहले भी इस तरह की घटना होने के बावजूद जल संसाधन विभाग ने फिर से नदी पर मिट्टी का बांध बनाया जो चंद दिनों में ही जवाब दे गया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर सरकारी धन की यह बर्बादी और कब तक चलेगी। साथ ही जल संसाधन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों पर कब कार्रवाई होगी। इधर मामले में विभाग के आला अधिकारी कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं। वही बांध टूटने के बाद जिला प्रशासन ने पीएचई विभाग को अलर्ट किया है। ताकि आसपास के क्षेत्र में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना ना हो। मामले में अब जल संसाधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। क्योंकि खान नदी के जल से शिवपुरा के प्रदूषित होने का मामला हाल ही में राजधानी भोपाल तक गूंजा था और साधु-संतों के विरोध के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया था।

संतो ने जताई नाराजगी, कहां सस्पेंड हो जिम्मेदार

बाल टूटने की घटना से साधु संतों में भी खासी नाराजगी है। श्री शंभू सन्यासी मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष महंत रामेश्वर गिरी जी महाराज ने इस गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने की मांग करते हुए कहां की शिप्रा में खान का गंदा पानी ना मिले इसके लिए स्थाई डैम या अन्य कोई स्थाई निराकरण होना चाहिए। हर बार 30 से 40 लाख रुपए मिट्टी का बांध बनाने के नाम पर खर्च कर दिए जाते हैं और अधिकारी इस में जमकर भ्रष्टाचार करते हैं।

शिप्रा नदी के त्रिवेणी पर बना मिट्टी का बांध टूट गया।
मिट्टी का बांध टूटने के कारण खान का गंदा पानी शिवपुरा में मिला।
देखें बांध टूटने का लाइव वीडियो।