जेल अधीक्षक की सजगता से पकड़ाए तीनों, कैदियों को ऊंचे दाम पर बेचते थे चरस
उज्जैन। सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में एक के बाद एक नए कारनामे सामने आ रहे हैं। जेल में रविवार शाम को जेल अधिकारी, कर्मचारी और बंदी कालभैरव की सवारी देखने की तैयारी में थे। इसी दौरान 3 सिपाही जेल में चरस की सप्लाई की फ़िराक में पकड़ में आ गए। ताज्जुब इस बात का है कि तीनों सिपाही मुंह में चरस की पुड़िया लेकर जेल के अंदर बंदियों को सप्लाई देने जा रहे थे।इन जेल टीम ने चरस जब्त करते हुए मौके पर ही पंचनामा बनाया और तीनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया। जेल अधीक्षक उषा राज ने बताया कि घटना की जानकारी जेल डीजी को भी दे दी गई है। जेल मुख्यालय तीनों दोषियों को बर्खास्त करने की तैयारी में है।
मुंह फुला होने पर हुए शंका, तो पकड़ाए
जेल अधीक्षक उषा राज ने तीनों सिपाही को शंका के आधार पर जब गेट पर रोका तो यह कुछ बता नहीं रहे थे न ही मुंह खोल रहे थे। जब सख्ती की तो उनके मुंह से चरस की पुड़िया निकलीं। ये सिपाही बाहर से चरस खरीदकर अंदर कैदियों को अधिक दाम में बेचते थे। जेल अधीक्षक ने जेल मुख्यालय से घटना की शिकायत कर दी है। जहा से अब डीजी द्वारा जांच करें जाकर इन सिपाहियों को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।
यह है सिपाही, जो रंगे हाथ धराये
रविवार शाम जेल अधीक्षक उषा राज खुद चेकिंग कर रही थीं, तभी सिपाही शाहरुख, यशपाल कहार और बलराम भी उनके सामने आए। तीनों के मुंह बंद और कुछ फुले हुए से थे। जब जेल अधीक्षक ने उन्हें रुकवाया तो वे मुंह खोलने को तैयार नहीं हुए। सख्ती करने पर तीनों ने मुंह खोला तो चरस की पुड़िया निकली।
800 की पुड़िया 1500 रूपये में
जेल सूत्रो के अनुसार सिपाही यशपाल ने स्वीकारा है कि वह बाहर से 800 रुपमें नशे की पुड़िया खरीदता था और कैदियों को वही पुड़िया 1500 रुपए में बेचता था। उसने यह भी स्वीकारा कि पूर्व अधिकारियों के कार्यकाल में दो से तीन बार जेल में चरस की पुड़िया ले गया था। अधिकारी बदले तो बंद कर दिया था। पुलिस एवं जेल प्रशासन अब इस बात की तहकीकात कर रहे हैं कि सिपाही बाहर किससे चरस खरीदते थे और अंदर किसे बेचते थे।
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