जहां से खुलेगा राज, वहां नहीं पुलिस की नजर… मामला दूसरे राज्यों की गाड़ियों का.
उज्जैन (गोविंद सोलंकी)
इसे कहते हैं अंधेरे में लठ चलाना, दूसरे राज्यों की गाड़ियों को उज्जैन में बेचने की सनका में पुलिस ने 253 गाड़ियों को जप्त किया हुआ है ,यह वही गाड़ियां है जिनकी एनओसी पुलिस को नहीं मिली या फिर मिली तो उनमें कई प्रकार की खामियां हैं। ऐसे में बड़ी बात यह उठती है कि आखिर पुलिस इतने दिनों की पड़ताल के बाद भी आरटीओ कार्यालय तक क्यों नहीं पहुंची? सूत्रों का कहना है कि गाड़ियों के चेसिस नंबर बदलने और दूसरे राज्यों की गाड़ियों को उज्जैन पासिंग करने के इस खेल में आरटीओ के एक बड़े दलाल की महत्वपूर्ण भूमिका है इस दलाल के तार सीधे परिवहन विभाग के उन बड़े साहब के चेंबर तक जाते हैं जहां इन्हें किसी प्रकार की रोक टोक नही है।
हालांकि आईपीएस अधिकारी रविंद्र वर्मा ने इस मामले में एक गैरेज संचालक से जब सख्ती से पूछताछ में उसने नवाज ओर जुबेर का नाम बताया है,
एजेंट का यह पुराना काम,
दूसरे राज्यों की गाड़ियों के दस्तावेज तैयार करवाना और यहां के आरटीओ से सारी प्रक्रिया पूरी होने के इस खेल में यही के एक दलाल की बड़ी भूमिका है,इसका मूल काम ही दूसरे राज्यो की गाड़ियों के दस्तावेज बनाने का है।
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