April 13, 2025

कंपाउंडिंग के नए नियमों के तहत दिया आवेदन, मौके पर पहुंचे कार्यपालन यंत्री ने पहले सीमा से अधिक निर्माण हटाने का दिया अल्टीमेटम, पूर्व में राजस्व टीम की नपती में उजागर हो चूका अवेध कब्ज़ा

उज्जैन। वेद नगर के समीप बने देशमुख हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ने शासकीय भूमि पर किए अपने अवैध निर्माण को नगर निगम से वैध कराने के लिए नया पैंतरा चला है। अवैध निर्माण को निश्चित सीमा तक समझौता शुल्क के जरिए वैध कराने के नए नियमों के तहत प्रबंधन ने निगम में आवेदन किया है। जिस पर गुरुवार को निगम के मौका नपती कराई तो कहीं चौंकाने वाले खुलासे हुए। हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल पर बने नर्सिंग क्वार्टर व कॉलेज का पूरा तल अवैध निकला। जबकि नियमानुसार निश्चित एफएआर से अधिकतम 25% अवैध निर्माण पर ही कंपाउंडिंग हो सकती है। सूत्रो के अनुसार ऐसे में निगम के ईई एलडी दौराया ने हॉस्पिटल प्रबंधन को अल्टीमेटम दिया कि पहले आप अतिरिक्त अवैध निर्माण को हटाए।

वेद नगर सांवेर रोड स्थित देशमुख हॉस्पिटल, इसमें दबा ली गई है सरकारी भूमि।

लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब देशमुख हॉस्पिटल प्रबंधन ने 4500 वर्ग फिट शासकीय भूमि को भी हथियाते हुए इस पर भी निर्माण कर लिए हैं। तो इस भूमि पर हुए निर्माण की कंपाउंडिंग करने का नगर निगम को कैसे अधिकार है। कुछ माह पहले ही राजस्व टीम ने एक शिकायत के चलते हॉस्पिटल के आसपास की शासकीय भूमि की नपती कराई थी। जिसमें यह सामने आया था कि प्रबंधन ने करीब 4500 वर्ग फीट के अनुसार चरणों की भूमि पर कब्जा जमा रखा है। वही पीछे स्थित एक टाइल्स कारोबारी ने भी 6400 वर्ग फ़ीट भूमि अपने कब्जे में कर ली। लेकिन अब तक प्रशासन शासकीय भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त नहीं करा पाया। किसी भी तक हॉस्पिटल प्रबंधन ने अपने अवैध निर्माण को समझौता शुल्क के जरिए वैध कराने की कवायद तेज कर दी है।

नियम विरुद्ध कंपाउंडिंग, उलझ सकते हैं अधिकारी

किसी भी अवैध निर्माण को वैध करने के लिए कंपाउंडिंग के शासन के अपने नियम व मापदंड है। कहीं भी सरकारी भूमि पर हुए अवैध निर्माण को कंपाउंडिंग के दायरे में नहीं लिया जा सकता। यदि निगम के किस अधिकारी ने देशमुख अस्पताल के अवैध निर्माण को शुल्क जमा कर वैध किया तो ऐसे इंजीनियर भी पद के दुरुपयोग व शासन को हानि पहुंचाने के मामलों में उलझ सकते हैं। इधर शासकीय जमीन दबाने के मामले में तहसीलदार कार्यालय में अपील प्रकरण प्रचलित है।

ऐसे खुली थी अवैध कब्जे की पोल

कलेक्टर आशीष सिंह को हुई शिकायत के बाद उन्हीं के निर्देश पर कुछ माह पूर्व राजस्व अमले ने ग्राम नानाखेड़ा की भूमि सर्वे क्रमांक 315 की नपती की थी। जिसमें निस्तार चरनोई की भूमि पर हॉस्पिटल का पक्का निर्माण, एक स्कूल का गार्डन सहित अन्य पक्के निर्माण होना सामने आया है। राजस्व निरीक्षक सादिक खान के साथ पटवारी सुधीर गोस्वामी कमलेश शर्मा सहित अन्य दल ने जरिफ डालकर नपती की और पंचनामा बनाकर रिपोर्ट तहसीलदार को सौंपी थी। जिसमें साफ हुआ था कि राजस्व रिकॉर्ड अनुसार 4500 वर्ग फिट शासकीय भूमि देशमुख हॉस्पिटल प्रबंधन और 6400 वर्ग फीट करीब भूमि पीछे स्थित टाइल्स कारोबारी प्रकाश देवनानी द्वारा दबा ली गई है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन के रसूख के चलते अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।

इनका कहना—–

हॉस्पिटल प्रबंधन ने कंपाउंडिंग के लिए आवेदन दिया था जिस पर मौका मुआयना कर नपती कराई गई है। मौके पर जो अतिरिक्त अवैध निर्माण है उसे हटाने को कहा गया है। सरकारी भूमि के संबंध में भी प्रकरण की जानकारी लगी है। इस पर राजस्व विभाग से विवरण जुटाकर ही आगामी कोई कार्रवाई करेंगे।

एलडी दोराया, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम उज्जैन