October 17, 2025

उज्जैन। दो साल के कोविड काल के बाद प्रथम बार बाबा श्री महाकाल ने परंपरागत मार्ग से प्रजा को दर्शन दिए। तो प्रजा ने भी बड़े उत्साह व उमंग से सवारी मार्ग को पुष्प से सुसज्जित कर किया राजाधिराज का स्वाागत। सोमवार को कार्तिक-अगह माह की तीसरी सवारी पूर्ण वैभव व राजसी ठाट बाट के साथ निकली। इसके पूर्व सभामंडप में भगवान महाकालेश्वर के चन्द्रमौलीश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन एडीएम संतोष टैगोर, एएसपी अम्रेन्द्र सिंह तथा मंदिर समिति प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने किया। पूजन पं. घनश्याम शर्मा द्वारा कराया गया। पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्र मौलीश्वर स्वरूप में रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हॉल निकले।

गार्ड ऑफ ऑनर व रामघाट पर पूजन

पालकी जैसे ही मुख्य द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) दिया। सवारी मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची। यहाँ क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। उज्जैन की धर्मपरायण जनता ने कोविड – 19 के बाद प्रथम बार बडे ही हर्षोल्लास व उत्साह के साथ सवारी मार्ग में पुष्प अर्पित कर पालकी में विराजित भगवान श्री मौलीश्वर के दर्शन लाभ लिये। भगवान महाकाल की सवारी में आगे-आगे तोपची कडाबीन चलाते हुए नगरवासियों को राजाधिराज बाबा महाकाल के आगमन की सूचना देते हुए चल रहे थे। सवारी में पुलिस बैण्ड, घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान, साथ चल रहे थे। सभी धर्मपरायण जनता बाबा महाकाल का गुणगान करते मंत्र मुग्ध दिखाई दे रही थी। सवारी मार्ग में भगवान श्री महाकाल के जयकारों और डमरु की गूंज चारों ओर सुनाई दे रही थी।

रामघाट पर हुआ बाबा का पारंपरिक पूजन, देखें वीडियो